व्यवसायिक गतिविधियों को लेकर बैंकों और मकान मालिकों में मची खलबली

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*शिवालिक नगर समेत विवेक विहार कॉलोनी में संचालित बैंकों को व्यावसायिक क्षेत्र में शिफ्ट करने के अपर आवास आयुक्त ने दिए नोटिस*

डॉ हिमांशु द्विवेदी

हरिद्वार। शिवालिकनगर क्षेत्र समेत आवास विकास परिषद द्वारा हरिद्वार में विकसित कॉलोनियों के घरों में संचालित हो रहे बैंकों को व्यवसायिक क्षेत्र में शिफ्ट नहीं किया तो 1अक्तूबर 25 को सील कर दिए जाएंगे। हालांकि रानीपुर मोड स्थित विवेक विहार में दो बैंक खुले हुए थे, जिसमें से एक बैंक ऑफ महाराष्ट्र तो स्वत शिफ्ट हो गया है, दूसरा नैनीताल बैंक है। उसको भी नोटिस दिया गया है। शिवालिकनगर में तमाम घरों के प्लॉट पर दुकानें, होटलों, अस्पतालों के साथ अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को निर्माण हो चुका है, उन पर भी विभाग की नजर है। प्रथम चरण में बैंकों पर कार्रवाई की जा रही है। दूसरे चरण में होटलों व बहु मंजिले मॉल पर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की कार्रवाई से बैंकों संचालकों के साथ घरों के मालिकों में खलबली मची हुई है। नियमों का पालन न करने से तमाम तरह की समस्याएं आती हैं। सबसे ज्यादा नियमों का पालन कराने वाले बैंकों के अधिकारियों ने मकानों में ही शाखाएं खुलवा दी है। मामला सामने आया है शिवालिकनगर में। जहां पर घरों में बैंकों को संचालित किया जा रहा है। उत्तराखंड आवास विकास परिषद हरिद्वार के अपर आवास आयुक्त मनीष सिंह ने मकानों में संचालित बैंकों को खाली कराने के लिए बैंकों के प्रबंधकों को नोटिस जारी किया है। नोटिस के अनुसार आवास विकास के आवासीय भूखंड पर नियमानुसार व्यवसायिक गतिविधियां संचालित नहीं हो सकती है। उन्होंने निर्देशित किया है कि एक महीने के अंदर बैंक की शाखा को शिफ्ट कर लें, अन्यथा की स्थिति में उत्तराखंड आवास विकास परिषद अधिनियम 2009 व 2018 के अंतर्गत नियमानुसार सीलिंग की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। नोटिस की प्रति एचआरडीए के उपाध्यक्ष को प्रेषित की गई है। अगस्त महीने के अंतिम सप्ताह में जारी ​हुए नोटिस के अनुसार एक महीने का समय दिया गया है।इस नोटिस के मिलते ही बैंकों के प्रबंधकों और मकान मालिकों में खलबली मची हुई हैं, क्योंकि घरों में बैंकों से मोटा किराया हर महीने की निश्चित तारीख में मालिक के खाते में जमा हो जाते हैं। अपनी आमदनी जाती देख मकान मालिक जुगाड़ लगाते की जुगत में इधर उधर घूम रहे हैं, लेकिन नियमों के खिलाफ हो रही अधिकारियों के सख्ती के सामने जुगाड़ फेल हो रहे हैं।

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