*हिंदुस्तान लीवर के कर्मचारी का धरना जारी*
*प्रशासन ने समझौते का बनाया दबाव*
*रात्रि में मृत्यु होने के बाद उत्तर प्रदेश के सांसद ने अपने गुर्गो के साथ परिजनों को धमकाया*
डॉ हिमांशु द्विवेदी
हरिद्वार। एक बार फिर चिकित्सक द्वारा गलत उपचार करने पर मरीज की मृत्यु का मामला सामने आया है। मृतक के परिजनों ने बताया सुश्रुत ड्रामा सेंटर में श्रीकांत के हाथ का ऑपरेशन किया जा रहा था जिसमें मरीज को बेहोशी की दवाई के लिये एक्सपर्ट चिकित्सा को ना बुलाकर स्वयं हड्डी रोग चिकित्सक सुश्रुत विरमानी ने मरीज को एनेस्थीसिया दिया था। ऑपरेशन के बाद जब मरीज होश में नहीं आया तब चिकित्सक के होश फाकता हो गए और आनन-फानन में मरीज को कनखल के राम कृष्ण मिशन अस्पताल भेजा गया। जहां चिकित्सकों ने मरीज की हालत चिंताजनक बताई और उसे कुछ ही देर में मृतक घोषित कर दिया अभी मृतक का शव बंगाली अस्पताल में ही पड़ा है। परिजन और हिंदुस्तान लीवर के कर्मचारियों ने सुबह से ही डेरा डाल दिया और सैकड़ों कर्मचारी एकत्र हो गए और डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज हो और उसका क्लीनिक बंद हो की मांग करने लगे।
हंगामा बढ़ते देख प्रशासन पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गई और सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग ने ट्रामा सेंटर को सील कर दिया और जांच कमेटी बैठा दी। पूर्व में भी प्राइवेट अस्पतालों में तीन मौतें हो चुकी हैं लेकिन देखने में आया है कि स्वास्थ्य विभाग उन अस्पतालों को क्लीन चिट दे देता है। उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। जनपद में स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी प्राईवेट क्लीनिकों के कांड कम नहीं हो रहे है। मरीज के परिजनों ने बताया पिछले माह हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के कर्मचारी सड़क हादसे में घायल हो गया था, जिसे उपचार के लिए सिटी अस्पताल में हाथ की हड्डी टूटी होने के कारण उसमें रोड डाल दी गई थी कर्मचारियों के मुताबिक अब एक माह बाद जब मरीज अपने हाथ में लगी रॉड निकालने पहुंचा तो डॉक्टर ने उसे कम पैसों में अपने प्राईवेट क्लीनिक में उपचार करने की बात कही। जिसके बाद मरीज को प्राईवेट क्लीनिक ले जाया गया और उपचार के दौरान अधिक एनेस्थीसिया दे दिया गया, जिससे मरीज की मौत हो गई। हिंदुस्तान कंपनी कर्मचारियों के मुताबिक डॉक्टर ने कर्मचारी को उपचार के दौरान अधिक एनेस्थीसिया दे दिया था। जिससे उसकी मौत हुई है।
कर्मचारियों ने डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग प्रशासन से उठाई है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के कर्मचारियों ने इस घटना के बाद डॉक्टर को बचाने के लिए किसी जनप्रतिनिधि के हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के दबाव में आकर मृतक के भाई ने 13 लाख में समझौता कर लिया है। सीएमओ हरिद्वार डॉ. आरके सिंह ने बताया कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर भेज दी गई है। टीम ने क्लीनिक को सील कर दिया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जांच में दोषी पाए जाने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी












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