रावण, कुम्भकर्ण व विभीषण ने मांगे वरदान तो दशरथ ने किया संतान प्राप्ति के लिए यज्ञ 

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गुरवीर सिंह

ऐलनाबाद। शहर के श्रीगौशाला मार्ग पर स्थित श्रीरामलीला कमेटी के बैनर तले वृंदावन से आये कलाकारों की भव्य श्रीरामलीला का मंचन दूसरे दिन भी जारी रहा। श्रीरामलीला के दूसरे दिन श्रीरामलीला कमेटी के सदस्यों ने ने सामुहिक रूप से भगवान श्रीविष्णु की आरती की। वृंदावन से आये कलाकारों में से रावण अपने भाइयों कुम्भकर्ण व विभीषण के साथ मिलकर सृष्टि के रचयिता श्रीब्रह्मा की घोर तपस्या करता है। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर श्रीब्रह्मा प्रकट होते है और उन तीनों से वरदान मांगने को कहते है। जिस पर रावण उनसे मनुष्य और वानर को छोड़कर किसी से भी अपनी मृत्यु नही होने का वरदान मांगता है। कुम्भकर्ण उनसे छः महीने सोने और एक दिन जागने का वरदान मांगता है। जबकि विभीषण उनसे भगवान की भक्ति मांगता है। श्रीब्रह्मा  तीनो भाइयों को उनकी इच्छानुसार वरदान देकर अंतर्ध्यान हो जाते है। इसी बीच रावण बाणासुर और रावण वेदवंती का संवाद बहुत ही शानदार ढंग से दिखाया गया जिस ओर वहां उपस्थित दर्शकों ने खूब तालियां बजाई और कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। रावण अपने पुत्र मेघनाथ को भेजकर देवराज इंद्र सहित कई देवताओं को बंदी बना लेता है और उन पर अत्याचार करता है। जिस पर सभी देवता इकट्ठे होकर भगवान विष्णु के पास पहुंचते है और अपनी दुर्दशा की कहानी सुनाते है। भगवान श्रीविष्णु सभी देवताओं को आश्वासन देते है कि रावण के पापों का अंत करने के लिए  बहुत जल्द वे स्वयं पृथ्वीलोक पर जन्म लेंगे जिससे देवता प्रसन्न होकर लौट जाते है। दूसरी ओर अयोध्या के महाराजा दशरथ अपनी बढ़ती आयु के बावजूद संतान सुख नही पाने से परेशान दिखते है। उनके मंत्री उन्हें गुरु विशिष्ठ की शरण मे जाने की राय देते है। महाराजा दशरथ गुरु विशिष्ठ के पास जाकर उनसे अयोध्या राज्य का उत्तराधिकारी नही दे पाने की चिंता व्यक्त करते है। गुरु विशिष्ठ उन्हें आश्वस्त करते है कि यदि वे अयोध्या राज्य का उत्तराधिकारी चाहते है तो उन्हें संतान प्राप्ति का यज्ञ करना होगा। महाराजा दशरथ गुरु विशिष्ठ व अन्य ऋषि मुनियों के साथ मिलकर संतान प्राप्ति का यज्ञ करते है जहां से उन्हें संतान सुख प्राप्त होने का आशीर्वाद मिलता है। कुछ महीने गुजरने के बाद महाराजा दशरथ की तीनों रानियों कौशल्या, केकई और सुमित्रा की कोख से चार अति सुंदर बालकों का जन्म होता है। मध्यरात्रि तक चली श्रीरामलीला को देखने सैंकड़ों महिला पुरुष दर्शक पहुंच रहे है।  वहां उपस्थित दर्शकों ने वृंदावन से आये श्री रामलीला के कलाकारों के अभिनय को खूब सराहा। इस अवसर पर श्रीरामलीला कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि लढ़ा, उपाध्यक्ष ओपी पारीक व राधाकृष्ण पटीर, कोषाध्यक्ष व सचिव राजेश वर्मा, सह सचिव प्रवीण फुटेला, प्रेस प्रवक्ता सुभाष चौहान, कला मंच के डायरेक्टर अशोक जसरासरिया, कला मंच के अध्यक्ष सुखराम वर्मा, कला मंच के उपाध्यक्ष संजय शेखर, बीएम नागर, विनोद विक्टर, सुल्तान शर्मा, देवेंद्र गोयल, बसंत सरिया, त्रिलोक जोशी, मुरारी जसरसरिया, महावीर पारीक, नरेंद्र गिदडा, डॉ पुरुषोत्तम गोदारा, रूपराम जयपाल, सोनू बत्तरा, मनीष मक्कड़, अंकित जिंदल, नवशेर मान, टीकम चोटिया व रोहताश शर्मा सहित अन्य कई गणमान्य जन भी उपस्थित थे।

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