*दर्शनार्थियों के लिए खुला पंडाल का द्वार*
अवधेश कुमार
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले का प्रसिद्ध मुखौटे भारत में कई पारंपरिक और लोक नृत्य शैलियों का एक अभिन्न अंग हैं।
यह नृत्य आमतौर पर पौराणिक कथाओं और लोककथाओं का वर्णन करता है। मुखा, मुखो का बोलचाल का शब्द है जिसका अर्थ है मुखौटे। इस एतिहासिक मूखौटे को खिदिरपुर पल्ली शारदीया क्लब ने दुर्गा पूजा पंडाल को मुखा(मुखौटे) आकृति का रुप दिया है।
क्लब द्वारा पिछले 84 वर्षों से विभिन्न विभिन्न प्रकार के थीम पर पूजा पंडाल का रुप देते आ रहा है। इस बार दर्शनार्थियों को आकर्षित करने के खिदिरपुर पल्ली शारदीया क्लब ने देश के प्रसिद्ध मुखा (मुखौटे) के आकृति का पंडाल के रुप रेखा तैयार दिया गया है।
इस पंडाल का उद्घाटन समाजसेवी और पूजा कमेटी के चेयरमैन की एन सिंह,पार्षद सतेंद्र सिंह, पार्षद शष्ठी दसा, पार्षद शमिमा रेहान खान,
क्लब के अध्यक्ष राजेश कुमार साव,सचिव बापी पोरेल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर क्लब के सदस्य हीरा साल, इंद्रनील पाल राजकुमार साव के आलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।












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