कुछ ट्रस्टी ट्रस्ट की धनराशि का निजी स्वार्थ में उपयोग कर रहे थे: डॉ भरत तिवारी

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अमित कुमार
हरिद्वार। महंत रघुवंश पुरी कोरा देवी ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी एवं अध्यक्ष डा.भरत तिवारी ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि ट्रस्ट की स्थापना का उद्देश्य सामाजिक, धार्मिक गतिविधियों को बढ़ाना देना, निर्धन परिवारों की मदद के साथ ऐसे परिवारों के बालक बालिकाओं की शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि महंत रघुवंश पुरी कोरा देवी ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 1980 में कोरा देवी द्वारा की गई थी। डा.भरत तिवारी ने आरोप लगाया कि कुछ ट्रस्टी ट्रस्ट की धनराशि का निजी स्वार्थ में उपयोग कर रहे थे। ट्रस्ट की संपत्ति को अवैध रूप से विक्रय भी किया जा रहा था। ट्रस्ट की संपत्ति को खुर्दबुर्द करने के लिए अध्यक्ष की बिना अनुमति के डीड बनाकर अनाधिकृत व्यक्तियों को ट्रस्टी के रूप में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा था। डा.भरत तिवारी ने कहां की ट्रस्ट की प्रतिष्ठा, समाज के विश्वास का दुरुपयोग करने जैसी घटनाओं के बाद तीन ट्रस्टियों पर निलंबन की कार्रवाई की गई। यह लोग तभी से ट्रस्ट के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उनके द्वारा विधिवत रूप से पंजीकरण कराते हुए पूरक ट्रस्ट बना दी गई है। जिसमें नियमानुसार ट्रष्टियों को रखा गया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अनावश्यक रूप से ट्रस्ट को बदनाम करने की नीयत से झूठे आरोप लग रहे हैं। डा.भरत तिवारी ने कहा कि ट्रस्ट समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। गरीब निर्धन परिवारों के उत्थान के लिए काम कर रहा है। जो लोग आरोप लगा रहे हैं। उनका ट्रस्ट से कोई लेना देना नहीं है।

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