आर. के. जोशी
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 25 नवंबर को नया इतिहास लिखा जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा विजय ध्वज फहराने का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे। रामनगरी के भव्य आयोजन को लेकर शहर में तैयारियां चरम पर हैं और सुरक्षा से लेकर सजावट तक हर स्तर पर विशेष इंतजाम किए गए हैं।
*ध्वजारोहण समारोह की खास बातें*
ध्वजारोहण कार्यक्रम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के शिखर पर भगवा विजय ध्वज फहराएंगे मंदिर परिसर में बदलाव, निकास मार्ग को ‘सुग्रीव पथ’ नाम दिया गया है *विशेष ध्वज* अहमदाबाद की एक कंपनी ने यह ध्वज तैयार किया है। कंपनी पैराशूट निर्माण में विशेषज्ञ है। ध्वज को विशेष पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से बनाया गया है ताकि यह सूर्य, वर्षा और तेज हवा का सामना कर सकेंगे।
*ध्वज का महत्व और अनुष्ठान*
ध्वज पर सूर्य का प्रतीक अंकित होगा, जो भगवान राम की सूर्यवंशीय परंपरा और दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है। यह ध्वज अहमदाबाद की एक कंपनी ने तैयार किया है, जो पैराशूट निर्माण में विशेषज्ञ है। इसे विशेष पैराशूट फैब्रिक और रेशमी धागों से बनाया गया है ताकि यह सूर्य, वर्षा और तेज हवाओं का सामना कर सके। अनुष्ठान 108 आचार्यों द्वारा संपन्न होंगे, जो अयोध्या, काशी और दक्षिण भारत से आएंगे। इनका नेतृत्व प्रसिद्ध काशी विद्वान गणेश्वर शास्त्री करेंगे।
*कार्यक्रम की भव्यता*
यह समारोह लगभग चार घंटे चलेगा। पीएम मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हजारों गणमान्य लोग इसमें शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मोदी मंदिर परिसर में 7,000 से अधिक मेहमानों को संबोधित करेंगे. मंदिर परिसर में सहायक मंदिरों भगवान महादेव, गणेश, हनुमान, सूर्यदेव, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा और शेषावतार को भी भव्य सजावट से संवार दिया गया है।











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