एस. गुप्ता
इंदौर। इंदौर में न्यूज़ 24 एमपी/सीजी के रिपोर्टर साथी हेमंत शर्मा के साथ हुआ हमला अत्यंत गंभीर, निंदनीय और गहन चिंतन योग्य घटना है। यह मात्र एक पत्रकार पर शारीरिक आक्रमण नहीं, बल्कि पत्रकार सुरक्षा तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा और क्रमिक प्रहार है। इस प्रकार की हिंसक घटनाएँ न केवल मीडिया जगत को भयाक्रांत करती हैं, बल्कि लोकतंत्र के उस स्तंभ को भी कमजोर करती हैं, जो समाज के सत्य और न्याय का मार्ग आलोकित करता है। इस संवेदनशील प्रकरण पर सरकार को पूर्ण गंभीरता के साथ संज्ञान लेना चाहिए तथा पत्रकार समुदाय को यह स्पष्ट रूप से आश्वस्त करना चाहिए कि इस अमानवीय कृत्य में संलिप्त सभी आरोपियों पर निष्पक्ष, कठोर और त्वरित कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी आपराधिक प्रवृत्तियों को जन्म भी न मिल सके। पत्रकारों का सुरक्षा कवच, उनका सम्मान, तथा स्वतंत्र और निर्भीक पत्रकारिता का संरक्षण एक जिम्मेदार सरकार का संवैधानिक व नैतिक दायित्व है। पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं; वे लोकतंत्र की आंख, कान और आवाज़ होते हैं। अतः उनके साथ किसी भी प्रकार की हिंसा या अन्याय को किसी भी परिस्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। समूचे घटनाक्रम की कड़ी निंदा करते हुए डॉ. नवीन आनंद जोशी ने सरकार से मांग की है कि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक और प्रभावी कदम तत्काल उठाए जाएँ। डॉ. जोशी ने भारत सरकार के समक्ष लंबे समय से विचाराधीन पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट को शीघ्र लागू करने की माँग एक बार फिर दृढ़ता से दोहराई है। उनका कहना है कि “यदि लोकतांत्रिक व्यवस्था के एक मजबूत स्तंभ, पत्रकारिता को इस प्रकार अपमानित और आक्रांत किया जाएगा, तो निष्पक्षता और सत्य की रक्षा का संपूर्ण ढाँचा संकट में पड़ जाएगा। इसलिए सरकार को चाहिए कि ऐसे गुंडा तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई कर यह स्पष्ट संदेश दे कि सरकार निर्भीक और ईमानदार पत्रकारिता के साथ दृढ़ता से खड़ी है।”











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