अमित कुमार
हरिद्वार। सिख कौम का इतिहास सदैव बलिदान, सेवा, साहस और मानवता की रक्षा का रहा है। गुरु साहिबानों की प्रेरणा से सिख समाज ने राष्ट्र, धर्म और निर्दोषों की सुरक्षा के लिए अनगिनत त्याग किए हैं। इसी सिख समाज के प्रति की गई हालिया अपमानजनक और नीच टिप्पणी केवल एक व्यक्ति की सोच नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी की गिरी हुई मानसिकता और विभाजनकारी राजनीति को दर्शाती है। ऐसे शब्द समाज की भावनाओं को आहत करते हैं और देश की एकता के लिए घातक हैं। हम स्मरण कराना चाहेंगे कि—
• सिख और हिन्दू समाज का संबंध अटूट, ऐतिहासिक और रक्षक–संरक्षक का पवित्र नाता है।
• गुरु साहिबानों और सिख वीरों ने हिन्दू समाज की रक्षा हेतु प्राणों का बलिदान दिया।
• खालसा पंथ सदियों से धर्म और मानवता की सुरक्षा की जीवित दीवार रहा है। 
दुखद है कि राजनीतिक लाभ के लिए कुछ पार्टियाँ पहले हिन्दू–सिख के बीच फूट डाल चुकी हैं, 1984 इसका सबसे बड़ा प्रमाण है, और अब पुनः इस प्रकार के बयान देकर विवाद को हवा दी जा रही है। यह पूर्णतः सोची-समझी राजनीतिक साजिश है। उत्तरांचल पंजाबी महासभा इस बयान की कठोर निंदा करती है और मांग करती है कि—
1. कांग्रेस पार्टी तुरंत सार्वजनिक माफ़ी मांगे।
2. संबंधित नेता के विरुद्ध निष्कासन की कार्रवाई की जाए।
3. भविष्य में ऐसी भाषा और मानसिकता पर कड़ा नियंत्रण रखा जाए।
हिन्दू और सिख समाज एक थे, एक हैं और एक रहेंगे। कोई भी राजनीतिक शक्ति इस एकता को तोड़ नहीं सकती।
प्रदेश की सभी इकाइयों से विशेष अपील
उत्तरांचल पंजाबी महासभा प्रदेश की सभी इकाइयों से आह्वान करती है कि अपने-अपने नगरों, कस्बों और जिलों में शांतिपूर्ण तरीके से इस आपत्तिजनक टिप्पणी के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराएँ और समाज की एकता को सुदृढ़ करें।











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