अमित कुमार
हरिद्वार। हरिद्वार नगर के लिए जल शक्ति मंत्रालय एवं आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विकसित की जा रही शहरी नदी प्रबंधन योजना (URMP) की द्वितीय बहु-हितधारक कार्य समूह (एमएसडब्ल्यूजी) की बैठक सीसीआर टॉवर में नलिन कुमार श्रीवास्तव, उप महानिदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय की अध्यक्षता में आहूत की गई। बैठक में धीरज जोशी, निदेशक, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, नंदन कुमार, नगर आयुक्त, हरिद्वार नगर निगम, स्वप्निल अनिरुद्ध, प्रभागीय वनाधिकारी तथा रोहित जयाड़ा, मॉनिटरिंग विशेषज्ञ, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन (नमामि गंगे), उत्तराखण्ड, विभिन्न हितधारक विभागों के अधिकारी, राष्ट्रीय शहरी कार्य संस्थान (NIUA) के प्रतिनिधि राहुल सचदेवा एवं सुश्री इश्लीन कौर, परामर्शदाता संस्था LEA Associates South Asia Pvt. Ltd. के प्रतिनिधि एवं सत्य देव आर्य, जिला परियोजना अधिकारी, हरिद्वार ने प्रतिभाग किया। बैठक में शहर की दीर्घकालिक योजना तथा गंगा नदी के साथ उसके पारस्परिक संबंधों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसमें कुम्भ एवं कांवड़ मेलों जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों के दौरान सीवेज एवं ठोस अपशिष्ट से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम हेतु उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। इसके अतिरिक्त हरिद्वार के मास्टर प्लान में बाढ़ संभावित क्षेत्रों की अधिसूचना, शहर के गहरे जलभृतों (डीप एक्विफर्स) के पुनर्भरण, भविष्य की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए सीवेज शोधन संयंत्रों की क्षमता वृद्धि, पर्यावरण-अनुकूल घाटों की व्यवस्था, तथा शहर की अनेक डेयरियों से गोबर के संग्रहण एवं उससे बायो-सीएनजी के उत्पादन हेतु उपायों पर भी चर्चा की गई। इसके साथ-साथ गंगा नदी के तटीय क्षेत्रों (रिपेरियन बफर्स) के सुदृढ़ीकरण तथा नदी के आर-पार हाथियों की सुरक्षित आवाजाही (एलीफेंट मूवमेंट) हेतु प्रावधानों पर भी विचार किया गया। बैठक में परामर्शदाताओं को निर्देशित किया गया कि वे एमoएसoडब्ल्oयूजीo के हितधारकों के साथ परामर्श कर शहरी नदी प्रबंधन योजना (URMP) के प्रस्तावित हस्तक्षेपों को अंतिम रूप दें तथा हरिद्वार की URMP रिपोर्ट शीघ्रातिशीघ्र प्रस्तुत करें।












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