• धार्मिक-आध्यात्मिक संगठनों का साथ मिलना इस अभियान को एक जनांदोलन बनाने में सहायक सिद्ध होगा : डॉ. वीरेंद्र कुमार
• पतंजलि विश्वविद्यालय में नशीले पदार्थों के प्रयोग पर ज़ीरो टॉलरेंस : प्रो. मयंक अग्रवाल
• पतंजलि वेलनेस सेंटर्स ने हज़ारों युवाओं को नशे की गिरफ्त से मुक्त कराया : प्रो. मयंक अग्रवाल
आलोक
नई दिल्ली। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार ने पतंजलि विश्वविद्यालय के साथ नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) के अन्तर्गत एक MoU (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (DAIC), नई दिल्ली स्थित समरसता हॉल में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार की उपस्थित में यह एमओयू किया गया। सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान के तहत अलग-अलग गतिविधियाँ संचालित करने हेतु धार्मिक-आध्यात्मिक संगठनों का साथ मिलना इस अभियान को एक जनांदोलन बनाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय के साथ साझा प्रयासों से नशा मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में तेज़ी आएगी। उन्होंने बताया कि अब तक 15 करोड़ से ज़्यादा युवा और 6 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं नशा मुक्ति अभियान से जुड़ चुकी हैं। माननीय मंत्री जी ने कहा कि नशा मुक्त भारत अभियान (NMBA) का उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचना और उच्च शिक्षण संस्थानों, यूनिवर्सिटी कैंपस और स्कूलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नशीले पदार्थों के निषेध हेतु जागरूकता अभियान चलाना है। पतंजलि विश्वविद्यालय की ओर से प्रति-कुलपति प्रो. मयंक कुमार अग्रवाल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर उन्होंने स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के मार्गदर्शन में पतंजलि विश्वविद्यालय और पतंजलि के अन्य संस्थानों द्वारा हेल्थ, वेलनेस, महिला सशक्तिकरण और नशा मुक्त भारत सहित सोशल सेक्टर में किए जा रहे बड़े कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय में नशीले पदार्थों के प्रयोग पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति है। प्रो. अग्रवाल ने कहा कि स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण विभिन्न मंचों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए नशा मुक्त भारत को बढ़ावा दे रहे हैं। पतंजलि वेलनेस सेंटर्स ने हज़ारों युवाओं को नशे की गिरफ्त से मुक्त कराया है जो अब सामान्य जीवन व्यतीत कर रहे हैं। प्रो. मयंक ने कहा कि योग, ध्यान आदि से लोगों को नशा मुक्त स्वस्थ जीवन शैली की ओर प्रेरित करने में पतंजलि की अहम भागीदारी होगी। प्रो. मयंक ने बताया कि उक्त एमओयू के अन्तर्गत पतंजलि विश्वविद्यालय स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों में युवाओं को इस अभियान से जोड़ेगा। जनजागरण गतिविधियों के द्वारा नशा मुक्त भारत का संदेश पूरे देश में फैलाना, नशीली दवाओं के दुरुपयोग से बचने के लिए जन-जागरण अभियान चलाना, रैलियाँ, सेमिनार, कार्यशालाएँ और कार्यक्रम आयोजित करना, जागरूकता कार्यक्रमों व प्रचार-प्रसार हेतु पतंजलि के मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करना आदि पतंजलि के दायित्वों में शामिल हैं।












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