नहीं हुई कोई जान माल की हानि
वन विभाग या भेल प्रबंधन आखिर कौन है जिम्मेदार ?
डॉ हिमांशु द्विवेदी।
हरिद्वार। भेल के मध्य मार्ग पर फाउंड्री गेट के पास एक विशालकाय यूकेलिप्टस का पेड़ देर शाम धराशाही हो गया। गनीमत रही कि उस वक्त सड़क पर आवाजाही कम थी। इसलिए जान माल की कोई हानि नहीं हुई। विशाल पेड़ गिरते ही दोनों तरफ का ट्रैफिक अवरुद्ध हो गया । और लोग घंटों जाम मे फसे रहे। और लोगों को लंबे रास्ते का चक्कर काट कर अपने गंतव्य को जाना पड़ा ।पेड़ की गिरने की सूचना पुलिस को और भेल के संपदा विभाग को दी गई। जिससे मौके पर एनडीआरएफ एवं भेल की संपदा विभाग की टीम ने मौके पर। पहुंचकर पेड़ को काटकर रास्ता साफ किया ।लगभग 2 घंटे तक ट्रेफिक जाम रहा भेल के मध्य मार्ग पर अभी कुछ समय पूर्व ही बैरियर नंबर 2 के निकट एक पेड़ गिरने से एक बालिका की मृत्यु हो गई और दूसरी घायल हो गई थी। उसके पश्चात ही भेल प्रबंधन हरकत में आया थाऔर उसने मध्य मार्ग पर गिरासू एवं दीमक लगे पेड़ों को काटना शुरू किया था। जबकि वन विभाग की लापरवाही के चलते गिरासू सिल्वर ओक के पेड़ एक वर्ष पूर्व से कटने का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन अनुमति के इंतजार में भेल पेड़ नहीं काट पाया था और बालिका की पेड़ गिरने से मृत्यु हो गई लेकिन उसके पश्चात भी भेल प्रशासन नहीं जागा और सड़क के किनारे खड़े विशालकाय पेड़ जो की दीमक द्वारा खा लिए गए थे उन्हें अभी तक पूरी तरह नहीं हटाया गया । उसी का नतीजा है कि आज पुनः देर शाम 6:30 बजे साथ 70 फीट ऊंचा यूकेलिप्टस का पेड़ थोड़ी सी हवा में ही धराशाई हो गया । अब प्रश्न खड़ा होता है कि जो पेड़ गिरा है उसको काटने की अनुमति वन विभाग ने दी है या नही आखिर कौन है जिम्मेदार ? वहीं प्रत्यक्षदर्शयों के अनुसार पेड गिरते समय आवाजाही सड़क कम थी। इसलिए कोई जान माल की हानि नहीं हुई लेकिन उसी के पड़ोस में तीन-चार और पेड़ गिरासू हैं जिनको समय रहते नहीं काटा गया तो वह किसी दिन भी गिरकर हादसे को दावत दे सकते हैं










Leave a Reply