किस हरकत को लेकर हुई भेल की पूरे प्रदेश में किरकिरी

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भेल ने मध्य मार्ग के समस्त चौराहों पर से एचआरडीए के गमले हटा अपने  गमले लगा कर किया राष्ट्रीय खेलों में योगदान का नाटक 
दो दिन पूर्व भेल ने चौराहों पर रखे एचआरडीए के गमलों से हटाये थे स्टिकर
पूरे प्रदेश में हुई भेल की किरकिरी
डॉ हिमांशु द्विवेदी। हरिद्वार। समाचार का संज्ञान ले कर भेल प्रबंधन ने सभी चौराहों पर महज आठ दस गमले रख कर योगदान का नाटक कर रहा है । भेल ने अपने क्षेत्र के मध्य मार्ग पर पड़ने वाले समस्त चौराहों पर रखे एचआरडीए के गमलों से स्टिकर हटाने का मामला चर्चा का विषय बन गया था। भेल ने दूसरे के क्षेत्र में ब्रांडिंग और अधिपत्य का आरोप लगाया था और एचआरडीए के गमलों पर से स्टिकर उतरवाए थे। जब इस बात का एचआरडीए के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह को पता चला तो उन्होंने भेल क्षेत्र से अपने सभी गमले उठा लिए। और भेल के इस कार्य को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था लेकिन गमलों पर से स्टिकर उतारने के पीछे भेल की क्या मंशा थी यह स्पष्ट नहीं हो सका । दूसरे के क्षेत्र में ब्रांडिंग का आरोप लगा कर गमलों पर से स्टिकर हटाने की बात किसी के गले नही उतर रही है। भेल प्रबंधन ने अपने मध्य मार्ग पर पडने वाले समस्त चौराहा पर चार चार गमले लगा कर राष्ट्रीय खेलों में योगदान व सौंद्रियकरण का नाटक रच डाला ।यह तो जग जाहिर है कि भेल को राष्ट्रीय खेल होने से सड़क की सौगात बिन मांगे मिल गई जो कि पी डब्लू डी द्वारा बनाई गई है।   यह तो सबको मालूम है कि भेल की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है । तभी भेल अपनी आंतरिक सड़कों का भी निर्माण नहीं कर पा रहा है। फैक्ट्री के सामने मटेरियल गेट पर सड़क में इतने गड्ढे हैं कि यह पता ही नहीं चल रहा है कि सड़क में गढ्ढे हैं या गढ्ढो में सड़क है। जिस कारण भेल कर्मचारियों के स्कूटर ,मोटरसाइकिल रोजाना खराब हो रहे हैं।
स्टिकर हटाने के मामले मे भेल की किरकिरी पूरे प्रदेश हुई है।

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