*हरिद्वार के महिला अस्पताल में
मानवता हुई शर्मसार*
*दर्द से तड़प रही गर्भवती को अस्पताल में भर्ती करने से किया चिकित्सक ने इनकार*
डॉ हिमांशु द्विवेदी
हरिद्वार। महिला अस्पताल की डॉक्टर का निकृष्ट और वीभत्स कार्यशैली की शिकार इस बार एक गर्भवती महिला होना पड़ा। जो एक मजदूर की पत्नी है। मामला महिला अस्पताल का है जहां डॉक्टर के सामने गर्भवती महिला दर्द से कराहती रही लेकिन डॉक्टर ने उसे देखना भी गवारा नहीं समझा। इतना ही नहीं बल्कि डॉक्टर ने आशा कार्यकर्त्ता को महिला को अस्पताल से वापस ले जाने के लिए भी मजबूर किया और धमकाने के बाद उसके मोबाइल से दर्द से तड़प रही महिला के फोटो और वीडियो भी डिलीट करा दिए। और मोबाइल छीन लिया मजबूर गर्भवती महिला ने आशा कार्यकर्त्ता के सहयोग से अस्पताल के वार्ड में जबरदस्ती प्रसव कराया गया । पीड़ित महिला का नाम पुतुल बताया जिसने एक बेटी को जन्म दिया। इतना ही नहीं प्रसव के दौरान निकला खून तिमारदरों से ही साफ कराया गया । वहीं महिला चिकित्सक ने तीर्थ नगरी में मानवता को शर्मसार कर दिया। डिलीवरी के बाद डॉक्टर ने अपनी गर्दन बचाने के लिए महिला को भर्ती कर लिया लेकिन डॉक्टर की कार्यशैली शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है, चहुँओर निंदा हो रही है। पूरे मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरके सिंह ने अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक से रिपोर्ट तलब कर कहा है कि इस मामले में महिला चिकित्सा सोनाली को दोषी पाया है। वह महिला चिकित्सालय में संविदा पर कार्य कर रही थी जिसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। देखने में आया है कि ऐसी घटनाएं निजी अस्पतालों में तो आम बात हो गई है, लेकिन सरकारी अस्पतालों में इस तरह की घटना ने तीर्थ नगरी को एक बार फिर शर्मसार कर दिया। इस घटना की गूंज राजधानी तक भी पहुंची और महिला आयोग के अध्यक्ष सुमन कांडपाल ने भी जांच के आदेश दिये है। और इसे शर्मसार बताया।











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