भारत ही विश्व में आध्यात्म का केन्द्र: महंत राम स्वरूप दास

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हरिद्वार। हरिद्वार के उतरी क्षेत्र के प्राचीन राममंदिर में गुजरात के 1008 रामदयाल बापू के नेतृत्व में चार धाम की यात्रा से लौटकर दल की निर्विघ्नं यात्रा सम्पन होने पर बापू ने उतराखंड और पूरे उतर भारत में आई प्राकृतिक आपदा में मृत व पीड़ित की सुख शांति के लिए यज्ञ अनुष्ठान का आयोजन किया। इस अवसर पर बापू के शिष्य महंत राम स्वरूप दास ने कहा आज भारत क्या पूरे विश्व में ही उथल पुथल मंची हुई है। जिसकी शामिल का मार्ग भारत से ही निकलेगा क्योंकि भारत ही विश्व में आध्यात्म का केन्द्र है। इसके लिए बडें पैमाने पर यज्ञ अनुष्ठान की आवश्यकता है। इस अवसर पर गुजरात से यात्रा पर आये श्रदालुओं ने भगवान् श्री विष्णु हरि का धन्यवाद किया कि इतनी आपदा के बाद भी उनकी यात्रा निर्विघ्नं सम्पन हुई। इस अवसर पर आश्रम में संतों ने भी यज्ञ कार्य क्रम में भाग लिया। जिसमें महंत दुर्गादास महाराज, बाबा हठयोगी, महंत श्याम दास महाराज, महंत राजकुमार दास, महंत गणेश दास, महंत रघुवीर दास, महंत रघुनाथ दास, महंत नारायण दास पटवारी, बाबा बलराम दास,रामशरण बाबा मौनी मनीराम दास, मार्कण्डेय दास महाराज, व प्राचीन राममंदिर के महंत रामदास महाराज, महंत शत्रुध्न दास, धर्मदास, कोतवाल राम दास , महंत सुरज दास, महंत बालक दास, महंत हितेश दास, महंत दिनेश दास, महंत किशन दास महाराज, मंयक भट्ट, गुजरात से नाथा भाई, हंसराज भाई, जैयश भाई, राजू भाई, चंदू भाई, प्रवीण भाई, बाबु भाई, जमन भाई, अनिला बेन, स्वपना बेन, नैना बेन, इंदू बेन, केटी भाई हंसा बेन, आदि शामिल रहे।

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