पहाड़ की बेटी को मिला अधूरा इंसाफ, माता-पिता करेंगे हाई कोर्ट में अपील

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पहाड़ की बेटी को मिला अधूरा इंसाफ

अंकिता हत्याकांड में लिप्त तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

वहीं नहीं हुआ वीआईपी का नाम उजागर
साक्ष्य मिटाने बुलडोजर लेकर पहुंची क्षेत्रीय विधायक को जांच से बाहर किसके इशारे पर किया
माता-पिता ने रोते रोते मांगी फांसी की सजा

डॉ हिमांशु द्विवेदी

हरिद्वार। सूबे को हिलाकर रख देने वाले बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में शामिल रहे आरोपियों को उम्रकैद की सजा होने पर पहाड़ की बेटी को इंसाफ मिला वह भी अधूरा । वहीं प्रदेश की भाजपा सरकार वी आई पी का नाम उजागर करने और उसे केस से बचाने में कामयाब रही। उसी के साथ क्षेत्रीय विधायक जिसने बुलडोजर लेकर साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया। उसको केस में शामिल तक नही किया आखिर किसके इशारे पर हुआ यह सब काम ? जिसके लिए कांग्रेस और अन्य दलों ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह वीआईपी और विधायक को बचाने में कामयाब रही। जबकि सीएम धामी सरकार ने बढ़ते जन दबाव में तुरन्त ही हाईप्रोफाइल हत्याकांड में एसआईटी बनाई बल्कि कोर्ट में भी बड़ी शिद्दत से पैरवी कराई,उसी का नतीजा आज दरिंदो को मिली सजा के तौर पर सामने है। इस पूरे मामले में धामी सरकार ने न केवल संवेदनशीलता दिखाई, बल्कि विलंब के बजाय निर्णय की गति को चुना। घटना के 24 घंटे के भीतर आरोपियों को जेल भेजना, एस आई टी का गठन कर जांच को तेज़ और पारदर्शी बनाना, आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाना, 500 पन्नों की चार्जशीट तैयार करना—ये सब दिखाता है कि जब सरकार गंभीर होती है, तो न्याय की प्रक्रिया न रुकती है, न झुकती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीड़ित परिवार के आंसू ही नहीं पोछे बल्कि 25 लाख की आर्थिक मदद देकर उनका साथ दिया। यही नहीं अंकिता के भाई और पिता को सरकारी नौकरी देकर एक व्यावहारिक सहानुभूति की मिसाल पेश की। सरकार ने एक दो नहीं बल्कि तीन बार वकील बदले,जिससे पैरवी पूरी तरह से मजबूत हो। सरकारी वकील की दमदार पैरवी से बार-बार आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज होती रहीं। वहीं वही न्यायालय के फैसले से अंकित के माता-पिता संतुष्ट नहीं उन्होंने फांसी मांगी थी और वीआईपी का नाम उजागर करने की बात प्रबलता से रखी है। वह फांसी की सजा के लिए हाई कोर्ट तक जाएंगे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोटद्वार की अदालत ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य सहित तीनों दोषियों को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई है।   कोटद्वार कोर्ट के बाहर न्यायालय के फैसले से असंतुष्ट लोगों ने जमकर हंगामा किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं सरकार ने भी न्यायालय के बाहर चाक चौबंद पुलिस व्यवस्था कर रखी थी और बैरिकेट लगाए थे। और प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पानी की बौछार कर उन्हें तितर बितर किया। अदालत ने अभियुक्त पुलकित आर्य को आजीवन कारावास एवं 50,000 जुर्माना, धारा 201 आईपीसी (साक्ष्य नष्ट करना) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 354ए आईपीसी (यौन उत्पीड़न) में 2 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 3(1)(क), अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2,000 जुर्माना, अभियुक्त सौरभ भास्कर एवं अंकित गुप्ता को धारा 302 आईपीसी में कठोर आजीवन कारावास एवं 50,000 जुर्मानाधारा 201 आईपीसी में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 10,000 जुर्माना, धारा 3(1)(क) में 5 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2,000 जुर्माना तथा मृतका के परिजनों को 4 लाख का मुआवजा प्रदान करने का भी आदेश दिया है।

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