सुरेश राठौर के आचरण से हुआ संत रविदास की परंपरा और भारतीय संस्कृति का अपमान: साध्वी रेणुका

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राठौर को कार्रवाई की चेतावनी, सरकार से यूसीसी के तहत कार्रवाई और पार्टी से निष्कासित करने की मांग की
एस. गुप्ता

हरिद्वार। रविदासिया समाज के संतों ने पूर्व विधायक सुरेश राठौर के आचरण पर सवाल उठाते हुए उनके अपने नाम के साथ रविदासाचार्य और महामंडलेश्वर शब्द लगाने पर गंभीर आपत्ति जताते हुए उन्हें सामाजिक बहिष्कार और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। साथ ही सुरेश राठौर के दो शादी करने पर यूसीसी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सरकार से उन पर कार्रवाई और भाजपा से उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की मांग की है। प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए गंगोत्री धाम से आयी साध्वी रेणुका ने कहा कि सुरेश राठौर के असामाजिक व्यवहार और अमर्यादित आचरण से संत रविदास की परंपरा और भारतीय संस्कृति का घोर अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि रविदासिया संत समाज ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि सुरेश राठौर अपने नाम के साथ रविदासाचार्य शब्द का प्रयोग तत्काल बंद करें, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ सामाजिक बहिष्कार की प्रक्रिया अपनायी जाएगी। साध्वी रेणुका ने कहा कि महामंडलेश्वर जैसी धार्मिक उपाधि कठोर साधना, संयम और धार्मिक आचरण के बाद संतों की सामूहिक सहमति और पारंपरिक प्रक्रिया द्वारा प्रदान की जाती है। उन्होंने दावा किया सुरेश राठौर को रविदासाचार्य और महामंडलेश्वर की पदवी कभी नहीं दी गयी। साध्वी रेणुका ने कहा कि सुरेश राठौर पर दो विवाह करने का आरोप है, जो उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का सीधा उल्लंघन है। यूसीसी का उल्लंघन करने पर सरकार उन पर कठोर कार्रवाई कर उदाहरण पेश करे। रविदास मिशन से जुड़े संत मेहरचंद दास ने आरोप लगाया कि सुरेश राठौर से रविदास समाज के संतों पर झूठे मुकद्मे दर्ज कराकर उनका उत्पीड़न किया है। उन्होंने भारतीय जनता से पार्टी से मांग की कि सुरेश राठौर को तत्काल पार्टी से निष्कासित किया जाए। ताकि पार्टी की छवि और संत समाज का सम्मान सुरक्षित रह सकें। प्रेसवार्ता में अरविन्द दास, अखिल दास, कुमार दास भी शामिल रहे।

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