भेल कारखाने की सुरक्षा संदेह के घेरे में ?

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*भेल मे एक बार फिर लाखों रुपये की चोरी का मामला आया सामने*

*भेल कारखाने से पूर्व में भी करोड़ों की हुई थी चोरी*
डॉ हिमांशु द्विवेदी
हरिद्वार। बीएचईएल कारखाने में लाखों की चोरी का मामला प्रकाश में आया। है। जिसको भेल के अधिकारी दबाने का प्रयास कर रहे थे। इसी बीच भेल की श्रमिक यूनियन के प्रतिनिधियों ने नाराजगी जताते हुए भेल की सुरक्षा पर संदेह किया है,और भेल महाप्रबंधक (ईएम ग्रुप) एस. एन. राणा से मुलाकात कर चोरी का खुलासा करने की मांग की। वहीं भेल कारखाने की चाकचौबंद सुरक्षा के बावजूद बार- बार चोरी होने पर नाराजगी भी प्रकट की है। गौरतलब है कि भेल कारखाने की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ द्वारा की जा रही है। फिर भी यह दूसरा मौका है जब भेल कारखाने से लाखों रुपये कीमत की 14 कॉपर रॉड चोरी कर भेल कारखाने से बाहर दीवार से सटे जंगल मे पड़ी मिली। सूत्रों के मुताबिक एक रॉड का वजन लगभग 55 किलो बताया गया है। यह रॉड सीएसआईएफ की दैनिक गश्त के दौरान मिली है। गत सप्ताह सीआईएसएफ को झाडियों मे दो तांबे की रॉड पड़ी दिखाई दी थी। उसके पश्चात सीआईएसएफ ने सर्च अभियान चलाकर 12 अन्य तांबे की रॉड बरामद की है। जिसकी सूचना सीआईएसएफ ने भेल प्रबंधन को दे दी है ।लेकिन समाचार लिखे जाने तक भेल प्रबंधन ने चोरी की पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। अब यह प्रश्न उठता है कि इतनी भारी तांबे की रॉड भेल की बाउंड्री से बाहर कैसे आई ? प्रारंभिक जांच मे भेल कारखाना प्रबंधन ने कॉपर की रॉड को अपना नहीं बताया था।
जबकि सूत्रों के मुताबिक यह तांबे की रॉड भेल कारखाने ब्लॉक 1 के डिटेल असेंबली में इस्तेमाल की जाती है। लेकिन विडंबना है कि ब्लॉक प्रभारी इन कॉपर की रॉड को अपना नहीं बता रहा है। अब बात सेंट्रल स्टोर पर आकर अटक रही है। क्या सेंट्रल स्टोर में इसका कोई रिकार्ड मौजूद नहीं या फिर अधिकारियों की लापरवाही है कि वह अपने सामान की गिनती नहीं करती या रखरखाव नहीं कर पा रहे है। पूर्व मे भी सेंट्रल स्टोर से बेस कीमती सफेद धातु की भारी भरकम कई शीट चोरी हो गई थी जिनकी बजरी कीमत करोड़ों रुपए बताई गई थी। इस मामले मे पुलिस ने चोर और कुछ माल भी बरामद किया था। अब पुन: सेंट्रल स्टोर से तांबे की रॉड की चोरी होना एक बड़ा सवाल है ? उससे भी बड़ा सवाल है चोरी की रिपोर्ट न लिखवाना।

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