संजीव जायसवाल हिस्ट्री शीटर नहीं, जुझारू पत्रकार: डीजीपी बिहार

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🔴 भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ का प्रतिनिधिमंडल बीएस पीएस संस्थापक शाहनवाज हसन के नेतृत्व में डीजीपी बिहार से की मुलाकात, पूर्वी चंपारण के तीन पत्रकारों का मुद्दा उठाया।
🔴 पत्रकारों पर दर्ज झूठे मुकदमों की सीआईडी जांच एवं जांच होने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने की बीएसपीएस की मांग पर डीजीपी विनय कुमार ने तत्काल दिया निर्देश।
एस. जायसवाल

पटना। भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ के संस्थापक शाहनवाज हसन पूर्वी चंपारण के पत्रकारों के विरुद्ध दर्ज झूठे मुकदमों को लेकर बिहार के डीजीपी विनय कुमार से मुलाकात कर उन्हें दर्ज मुकदमों की तफसील से जानकारी दी। इस अवसर पर पत्रकार अजय कुमार एवं संजीव जायसवाल भी मौजूद रहे। बीएसपीएस द्वारा ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि बिहार प्रदेश इकाई बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के पत्रकार संजीव जायसवाल, पत्रकार सागर सूरज एवं पत्रकार नीरज कुमार के विरुद्ध दर्ज झूठे मुकदमों की निष्पक्ष सीआईडी जांच एवं जांच होने तक किसी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करता है। पत्रकार संजीव जायसवाल के विरुद्ध एस सी/एसटी व रंगदारी का झूठा मामला दर्ज किया गया है और पुलिस अधीक्षक द्वारा एक पत्रकार के विरुद्ध अपराधियों की भांति इश्तहार जारी किया गया है, जिसकी हमारा संगठन कड़ी निंदा करता है। इस आवेदन के साथ संजीव जायसवाल का आवेदन संलग्न कर दे रहा हूं। पूर्वी चंपारण जिला के वरिष्ठ पत्रकार सागर सूरज पर समाचार संकलन को लेकर जानलेवा हमला तथा एससी-एसटी का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया। हमलावरों के विरुद्ध स्थानीय पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस बाबत डीआईजी एवं आरक्षी अधीक्षक को पूर्व में भी संगठन द्वारा कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया था। संगठन पूरे मामले में संलिप्त पुलिस अधिकारी की विभागीय जांच करते हुए सागर सूरज की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करता है। पूर्वी चंपारण जिला के पत्रकार नीरज कुमार जिनसे आप परिचित भी हैं(दैनिक जागरण में कार्यरत थे) के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने संगठन के माध्यम से पूर्व मुख्य सचिव एवं डीजीपी को जांच के लिए लिखा था। उसके बावजूद उस आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। एक पत्रकार को हत्या के गंभीर आरोप में जेल भेज दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने भी इस पर जांच का आदेश जारी किया था, परन्तु जांच जब जिला एवं थाना स्तर तक पहुंचती है तो न्याय की उम्मीद समाप्त हो जाती है, क्योंकि पुलिस अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई का अनुपात लगभग शून्य रहा है। ज्ञापन में कहा गया है कि आप के समक्ष उपरोक्त तीनों मामलों की सीआईडी जांच की मांग इस ज्ञापन के माध्यम से संगठन करता है। साथ ही जांच होने तक किसी भी पीड़ादायक कार्रवाई पर रोक लगाया जाए।
बीएसपीएस के प्रतिनिधिमंडल को डीजीपी बिहार विनय कुमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैं संजीव जायसवाल को व्यक्तिगत रूप से जानता हूं संजीव जायसवाल हिस्ट्री शीटर नहीं लड़ाकू एवं जुझारू पत्रकार हैं। डीजीपी ने बीएसपीएस संस्थापक शाहनवाज हसन के आग्रह पर तत्काल सीडीआई जांच की अनुशंसा करते हुए जांच होने तक पीड़ादायक कार्रवाई पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।

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